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प्रेम क्या है

                      प्रेम क्या है? जो कहा न जाय,जो किया न जाय, बस हो जाय। जिसे केवल अनुभव किया जाय वो प्रेम है। कोई कोशो दूर रहकर भी हर समय पास लगें। किसी की हर पीड़ा पर अपना अधिकार लगे। प्रेम ज्ञान का विषय नही,अनुभूति की बात है। प्रेम तन को नही मन को छूता है।                                         #आशू                                     

कविता

                    कविता बारिश की बरसती बूंदो ने जब दस्तक दी दरवाजे पर।  महसूस हुआ तुम आयी हो अंदाज़ तुम्हारे जैसा था।  हवा के हल्के झोंके की जब आहट  हुई खिड़की पर।  महसूस हुआ तुम गुजरी हो अहसास तुम्हारे जैसा था।  मैंने गिरती बूंदो को जब रोकना चाहा हांथो पर।  एक सर्द सा अहसास हुआ वो लम्हा तुम्हारे जैसा था।  तनहा चला मै फिर बारिश में एक झोंके ने साथ दिया।  मै समझा तुम साथ हो मेरे वो साथ तुम्हारे जैसा था।  फिर थम गयी वो बारिश भी रही न साथ आहट भी।  यू लगा कि तुम छोड़ गयी हो वो मिज़ाज़ तुम्हारे जैसा था।                                                                                    #आशू