कविता

                   कविता

  • बारिश की बरसती बूंदो ने जब दस्तक दी दरवाजे पर। 
  • महसूस हुआ तुम आयी हो अंदाज़ तुम्हारे जैसा था। 

  • हवा के हल्के झोंके की जब आहट  हुई खिड़की पर। 
  • महसूस हुआ तुम गुजरी हो अहसास तुम्हारे जैसा था। 

  • मैंने गिरती बूंदो को जब रोकना चाहा हांथो पर। 
  • एक सर्द सा अहसास हुआ वो लम्हा तुम्हारे जैसा था। 

  • तनहा चला मै फिर बारिश में एक झोंके ने साथ दिया। 
  • मै समझा तुम साथ हो मेरे वो साथ तुम्हारे जैसा था। 

  • फिर थम गयी वो बारिश भी रही न साथ आहट भी। 
  • यू लगा कि तुम छोड़ गयी हो वो मिज़ाज़ तुम्हारे जैसा था। 

                                                                                  #आशू 

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